भारत मौसम पूर्वानुमान: पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी राज्यों में कड़ाके की ठंड का अलर्ट. देश के मौसम में एक बड़ा बदलाव आने वाला है, जिसका मुख्य कारण हवाओं की दिशा में हो रहा परिवर्तन है। उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में एक नया पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) दस्तक दे रहा है, जिसके प्रभाव से गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान अच्छी बर्फबारी और बारिश होने की संभावना है। पहाड़ों पर होने वाली इस बर्फबारी का सीधा असर आने वाले दिनों में मैदानी इलाकों के तापमान पर पड़ेगा, जिससे उत्तर भारत में शीत लहर और कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो जाएगा।
मैदानी राज्यों की बात करें तो हरियाणा का हिसार इस समय देश के सबसे ठंडे स्थानों में से एक बना हुआ है, जहां न्यूनतम तापमान 2.1 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के उत्तरी भागों में भीषण कोहरे (Dense Fog) का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। कोहरे के कारण दिन में धूप नहीं खिलेगी, जिससे ‘कोल्ड डे’ (Cold Day) जैसी स्थिति बनी रहेगी और अधिकतम तापमान 16 से 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। यह कोहरा रेल, सड़क और हवाई यातायात को भी प्रभावित कर सकता है।
मध्य और पश्चिम भारत में फिलहाल मौसम थोड़ा अलग बना हुआ है। दक्षिणी राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में दक्षिण की ओर से आने वाली हवाओं के कारण तापमान में उतनी गिरावट नहीं देखी जा रही है, जितनी सामान्य रूप से इस मौसम में होनी चाहिए। हालांकि, पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी शुरू होने के बाद जैसे ही उत्तर की ठंडी हवाएं इन राज्यों तक पहुंचेंगी, यहां भी तापमान में तेजी से गिरावट आएगी और लोगों को ठंड का अहसास होगा। बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी मध्यम से घना कोहरा छाए रहने की संभावना है।
दक्षिण भारत में भी मौसम के मिजाज बदल रहे हैं। बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी वाली हवाओं के कारण तमिलनाडु के तटीय इलाकों और कुछ आंतरिक क्षेत्रों में बारिश की गतिविधियां शुरू होने का अनुमान है। बाकी दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहेगा। पूर्वोत्तर राज्यों में अरुणाचल प्रदेश में हल्की वर्षा या हिमपात की संभावना है, जबकि अन्य क्षेत्रों में सुबह के समय घना कोहरा देखा जा सकता है।
किसानों के लिए यह मौसम काफी महत्वपूर्ण है। हालांकि अभी तक पाला (Frost) पड़ने जैसी स्थिति नहीं बनी है, जिससे सरसों, चना और मटर जैसी फसलों को नुकसान हो सकता था, लेकिन आने वाले दिनों में बढ़ती ठंड और कोहरा फसलों की वृद्धि पर असर डाल सकता है। मौसम विभाग का अनुमान है कि जनवरी के पहले सप्ताह में बारिश की गतिविधियां मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल सकती हैं। फिलहाल, लोगों को आने वाले दिनों में और अधिक कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के लिए तैयार रहना चाहिए।