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उत्तर भारत में मौसम का डबल अटैक: पहाड़ों पर भारी बर्फबारी और मैदानी इलाकों में
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नए साल का स्वागत बर्फबारी और कड़ाके की ठंड के साथ; उत्तर भारत में शीतलहर और घने कोहरे का अलर्ट

सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और पहाड़ों पर बर्फबारी का पूर्वानुमान

वर्ष 2025 की विदाई और नए साल 2026 का आगाज उत्तर भारत में भारी मौसमी बदलावों के साथ होने जा रहा है। स्कायमेट वेदर के अनुसार, पहाड़ों पर एक शक्तिशाली ‘पश्चिमी विक्षोभ’ (Western Disturbance) सक्रिय हो गया है, जबकि एक अन्य विक्षोभ 30 दिसंबर तक हिमालयी क्षेत्रों में दस्तक देगा। इसके प्रभाव से जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग, सोनमर्ग और हिमाचल प्रदेश के रोहतांग पास सहित कुल्लू-मनाली की ऊंची पहाड़ियों पर 30 दिसंबर से 2 जनवरी के बीच भारी बर्फबारी होने की प्रबल संभावना है। उत्तराखंड के केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम की ऊंची चोटियों पर भी इस दौरान बर्फ की सफेद चादर बिछने का अनुमान है।

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मैदानी इलाकों में ‘कोल्ड डे’ और पाला पड़ने की स्थिति

उत्तर भारत के मैदानी इलाकों, विशेषकर गंगा के मैदानी क्षेत्रों (उत्तर प्रदेश और बिहार) में घना कोहरा छाया हुआ है। हवाओं की रफ्तार कम होने के कारण कोहरे की चादर और अधिक गहरी हो गई है, जिससे ‘कोल्ड डे’ जैसे हालात बन रहे हैं। दिल्ली में न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जो इस सीजन का सबसे कम तापमान है। हरियाणा के हिसार और राजस्थान के सीकर जैसे क्षेत्रों में तापमान 2 से 4 डिग्री तक पहुंच गया है, जिससे खेतों में ओस जमने यानी ‘पाला’ (Frost) पड़ने की स्थिति बनी हुई है। यह पाला रबी की फसलों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है, हालांकि आगामी विक्षोभ के कारण तापमान में मामूली बढ़ोतरी से किसानों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।

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