हिमालयी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
उत्तर भारत के पहाड़ों पर साल के अंतिम दिनों में मौसम ने करवट ले ली है। एक सक्रिय और धीमी गति से बढ़ने वाला पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) वर्तमान में जम्मू-काश्मीर और उसके आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। इसके प्रभाव से गिल्गित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख और श्रीनगर सहित कश्मीर घाटी के ऊपरी हिस्सों में बर्फबारी और बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। यह सिस्टम २ जनवरी तक पहाड़ों पर सक्रिय रहेगा, जिसके कारण ३१ दिसंबर को हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति, चंबा और कुल्लू के साथ-साथ उत्तराखंड के बद्रीनाथ और केदारनाथ जैसे ऊंचे इलाकों में मध्यम से भारी हिमपात होने की संभावना है। निचले पहाड़ी इलाकों में बारिश होने से पर्यटकों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ेगा।
मैदानी राज्यों में बारिश और घने कोहरे की चेतावनी
पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर अब पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर के मैदानी इलाकों में दिखने वाला है। ३१ दिसंबर और १ जनवरी को इन राज्यों के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ने के आसार हैं। विशेष रूप से पंजाब के अमृतसर, जालंधर और हरियाणा के अंबाला, कुरुक्षेत्र में बारिश की संभावना अधिक है। इसके साथ ही, गंगा के मैदानी क्षेत्रों में घने कोहरे का प्रकोप लगातार जारी रहेगा। उत्तर प्रदेश और बिहार के अधिकांश इलाके सुबह के समय शून्य दृश्यता (Zero Visibility) की स्थिति का सामना कर सकते हैं, जिससे सड़क, रेल और हवाई यातायात में भारी देरी होने की आशंका है।




















