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गेहूं की पैदावार में 20 प्रतिशत तक होगी बढ़ोतरी: यूरिया देने का बदलें तरीका; खाद की किल्लत होने पर अपनाएं ये प्रभावी विकल्प

गेहूं की बेहतर फसल और अधिक उत्पादन के लिए खाद का सही प्रबंधन अनिवार्य है। अक्सर किसान बुवाई के समय खाद देने के बाद, लगभग एक महीने बाद एक साथ पूरी बोरी यूरिया डाल देते हैं। हालांकि, कृषि विशेषज्ञों के शोध और प्रयोगों से यह बात सामने आई है कि यदि यूरिया को एक ही बार में न देकर दो अलग-अलग किस्तों में विभाजित करके दिया जाए, तो गेहूं के उत्पादन में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की जा सकती है। यूरिया एक ऐसा उर्वरक है जो पौधों को तुरंत नाइट्रोजन उपलब्ध कराता है, लेकिन इसका प्रभाव भी उतनी ही जल्दी समाप्त हो जाता है। इसलिए, फसल की आवश्यकता के अनुसार चरणों में पोषण देना अधिक लाभदायक होता है।

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यूरिया देने का वैज्ञानिक तरीका और सही समय

विशेषज्ञों का सुझाव है कि अधिकतम पैदावार प्राप्त करने के लिए यूरिया की कुल मात्रा को दो हिस्सों में बांटना चाहिए। यूरिया की पहली आधी खुराक गेहूं की बुवाई के 20 से 25 दिनों के भीतर दी जानी चाहिए, क्योंकि यह समय फसल में कल्ले (फुटवे) निकलने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसके बाद, शेष आधी मात्रा बुवाई के 40 से 45 दिनों के बीच देनी चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आप प्रति एकड़ एक बोरी यूरिया का उपयोग करते हैं, तो आधा बोरी पहले चरण में और आधा बोरी दूसरे चरण में दें। इस पद्धति से पौधों को निरंतर नाइट्रोजन मिलती रहती है, जिससे फसल की ग्रोथ एकसमान और मजबूत होती है।

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