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‘खरपतवार’ से 6 महीने तक निजात; एक स्प्रे और आधा साल खेत रहेगा साफ

‘खरपतवार’ से 6 महीने तक निजात; एक स्प्रे और आधा साल खेत रहेगा साफ फसल की अच्छी बढ़त के लिए सबसे बड़ी चुनौती ‘खरपतवार’ (तण) का नियंत्रण करना होता है। बार-बार घास उगने से न केवल फसल का पोषण कम होता है, बल्कि किसानों का समय और पैसा भी बर्बाद होता है। इसी समस्या का क्रांतिकारी समाधान निकालते हुए बायर (Bayer) कंपनी ने ‘अलियन प्लस’ (Alion Plus) नाम से एक नया शक्तिशाली खरपतवार नाशक बाजार में उतारा है। इस उत्पाद की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह मौजूदा घास को मारने के साथ-साथ भविष्य में उगने वाली घास को भी रोकता है।

दोहरी शक्ति वाला अनूठा फॉर्मूला और कार्य करने की विधि

‘अलियन प्लस’ की सफलता के पीछे इसमें मौजूद दो शक्तिशाली रसायनों का वैज्ञानिक मिश्रण है। इसमें इंडाज़िफ्लम (20%) और ग्लायफोसेट (54%) शामिल हैं, जो खरपतवार पर दोहरा हमला करते हैं। जहाँ ग्लायफोसेट खेत में पहले से मौजूद हरी घास को जड़ों से सुखाकर तुरंत खत्म कर देता है, वहीं इंडाज़िफ्लम जमीन की ऊपरी सतह पर एक अदृश्य सुरक्षा कवच (लेयर) बना देता है। इस परत के कारण मिट्टी में दबे हुए घास के बीज अगले 4 से 6 महीने तक अंकुरित नहीं हो पाते। यह तकनीक किसानों को बार-बार निंदाई-गुड़ाई और छिड़काव के श्रम से मुक्ति दिलाती है।

किन फसलों के लिए है सबसे ज्यादा फायदेमंद?

यह उत्पाद विशेष रूप से उन किसानों के लिए तैयार किया गया है जो फलों के बागों की खेती करते हैं। लंबी अवधि तक खरपतवार मुक्त जमीन रखने के कारण पौधों को पूरा खाद और पानी मिलता है। यह उत्पाद निम्नलिखित बागों के लिए अत्यंत प्रभावी है:

  • नींबू, संतरा और मोसंबी के बाग

  • अनार और अंगूर की खेती

  • आम और अन्य बड़े फलदार वृक्ष

इस्तेमाल का सही तरीका और मात्रा (Dosage)

बेहतर परिणाम और सुरक्षा के लिए विशेषज्ञों ने ‘अलियन प्लस’ के उपयोग के लिए निम्नलिखित दिशा-निर्देश दिए हैं:

  1. मात्रा: 15 से 20 लीटर के स्प्रे पंप में 100 मिली दवा मिलाएं।

  2. एकड़ कवरेज: एक एकड़ क्षेत्र के लिए औसतन 1 लीटर दवा का उपयोग पर्याप्त होता है।

  3. मिट्टी की स्थिति: छिड़काव के समय जमीन में पर्याप्त नमी (गीली मिट्टी) होनी चाहिए, ताकि दवा जमीन पर अपनी परत बना सके।

  4. सावधानी: स्प्रे करते समय नोजल को जमीन की तरफ रखें ताकि दवा मुख्य पेड़ के पत्तों पर न उड़े।

महत्वपूर्ण सावधानियां और संपर्क जानकारी

यह दवा बहुत शक्तिशाली है, इसलिए इसके उपयोग में कुछ सावधानियां बरतनी अनिवार्य हैं। इसका उपयोग एक वर्ष से कम उम्र के छोटे पौधों पर बिल्कुल न करें। साथ ही, केला और पपीता जैसी संवेदनशील फसलों में इसका उपयोग वर्जित है। यदि आप इस उत्पाद के बारे में अधिक तकनीकी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं या अपने क्षेत्र में इसकी उपलब्धता जानना चाहते हैं, तो निम्नलिखित माध्यमों से संपर्क कर सकते हैं:

  • बायर किसान टोल-फ्री हेल्पलाइन: 1800-200-6321

  • आधिकारिक वेबसाइट: www.cropscience.bayer.in

  • नजदीकी कृषि सेवा केंद्र: अपने क्षेत्र के अधिकृत बायर डीलर से संपर्क करें।

‘अलियन प्लस’ के सही इस्तेमाल से किसान न केवल अपनी लागत कम कर सकते हैं, बल्कि अपनी मेहनत बचाकर पैदावार में भी वृद्धि कर सकते हैं।

क्या आप अपने बाग के लिए खरपतवार नियंत्रण का स्प्रे शेड्यूल (Spray Schedule) बनवाना चाहते हैं?

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